इस साल ब्याज दर में कटौती की उम्मीद, इन्वेस्टर्स में बढ़ा कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स का क्रेज?
फेडरल रिजर्व, RBI समेत अन्य ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं. इस दिशा में पहला कदम अमेरिकी फेडरल रिजर्व उठा सकता है और जून पॉलिसी में दरों में कटौती शुरू कर सकता है. यूरोपीय सेंट्रल बैंक भी इसी रास्ते पर चल सकता है.
दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में महंगाई में गिरावट के संकेत मिल रहे. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि केंद्रीय बैंक जैसे फेडरल रिजर्व, RBI समेत अन्य ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं. इस दिशा में पहला कदम अमेरिकी फेडरल रिजर्व उठा सकता है और जून पॉलिसी में दरों में कटौती शुरू कर सकता है. यूरोपीय सेंट्रल बैंक भी इसी रास्ते पर चल सकता है. रिजर्व बैंक यानी RBI भी मौजूदा स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है.
कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स की डिमांड
2024 में ब्याज दरों में इस सेंटीमेंट को देखते हुए इनवेस्टर्स में अब फिर से कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स को लेकर दिलचस्पी बढ़ी है. क्योंकि ब्याज दरों में कटौती से कॉरपोरेट बॉन्ड से रिटर्न बढ़ता है.जबकि इन फंड्स पर लागू इंडेक्सेशन बेनिफिट को खत्म कर दिया गया है. हालांकि, ये फंड अभी भी ब्याज दर में बढ़ोतरी और लो कॉस्ट रेश्यो के फायदे के साथ आते हैं.
ब्याज दरें और कॉरपोरेट बॉन्ड का कनेक्शन
कॉरपोरेट बॉन्ड फंड डेट फंड हैं, जो AA+ और उससे ऊपर रेटिंग वाले कॉरपोरेट बॉन्ड और गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में इनवेस्ट करते हैं. कॉरपोरेट बॉन्ड में मिलने वाली ब्याज दरें अन्य ब्याज दर में बदलाव से सीधे प्रभावित होती हैं, क्योंकि बॉन्ड की कीमतें और ब्याज दरें एक दूसरे की उलटी दिशा में होती हैं. जैसे निप्पॉन इंडिया कॉरपोरेट बॉन्ड फंड है, जो 8% से ज्यादा का सालाना रिटर्न दे रहा. साथ ही एक्सिस कॉरपोरेट डेट फंड, HDFC कॉरपोरेट बॉन्ड फंड और बड़ौदा BNP पारिबास, HSBC और आदित्य बिड़ला सन लाइफ भी 8% के आसपास का रिटर्न दिया. एक्सपर्ट द्वैपायन बोस ने कहा कि पिछले 1 साल में कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स ने अच्छा परफॉर्म किया है.
क्या है कॉरपोरेट बॉन्ड म्यूचुअल फंड?
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
कॉरपोरेट बॉन्ड म्यूचुअल फंड रिस्क से बचने वाले इनवेस्टर्स के लिए हैं, जो निवेश पर हाई रिटर्न भी चाहते हैं. क्योंकि ये डेट इन्स्ट्रूमेंट्स हैं और कैपिटल की सिक्योरिटी सुनिश्चित करते हैं. टॉप कॉरपोरेट बॉन्ड फंड की टाइमलाइन आम तौर पर 1 से 4 साल के बीच होती है, जो निवेशकों को अपनी लिक्विडिटी बरकरार करने की अनुमति देती है. हाई रिटर्न ऑफर करने के साथ ही कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स को किसी भी समय खरीदा और बेचा जा सकता है. इससे निवेशकों को पैसे की आवश्यकता होने पर नकदी निकालने की अनुमति भी मिलती है.
(डिस्क्लेमर: यहां इक्विटी या बॉन्ड फंड के विषय में केवल जानकारी दी गई है. ज़ी बिजनेस निवेश की सलाह नहीं देता. किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से जरूर परामर्श करें. )
12:15 PM IST